♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?<br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir...<br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?<br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...<br /><br />➖➖➖➖➖➖<br /><br />#acharyaprashant<br /><br />वीडियो जानकारी: 09.07.24, बोध प्रत्यूषा, ग्रेटर नॉएडा <br /><br />प्रसंग: <br />~ संसार किसने बनाया?<br />~ मनुष्य को जीवन क्यों मिला है?<br />~ हम इस धरती के लायक भी हैं?<br />~ पूरे संसार का उद्देश्य क्या है? <br />~ दुनिया में भोगवाद क्यों बढ़ रहा है?<br />~ पृथ्वी में हाहाकार क्यों मचा हुआ है?<br /><br />शून्यता सप्तति छंद 18<br />पूर्व पक्षी का कहना है कि: यदि वस्तु शून्य है तब उसकी उत्पत्ति और विनाश संभव नहीं है। जो स्वभाव से ही शून्य है वह कैसे उत्पन्न या विनष्ट हो सकता है ?<br /><br />Opponent: If things were empty, origination and cessation would not occur. That which is empty of its own being: How does it arise, and how does it cease?<br />--------------------------<br />शून्यता सप्तति छंद 19<br />माध्यमिक का कथन है कि: भाव और अभाव एक साथ नहीं रह सकते। अभाव के न होने पर भाव संभव नहीं है। भाव और अभाव सदा विद्यमान हैं। अतः अभाव पर निर्भरता के बिना भाव संभव नहीं है।<br /><br />Reply: Being and non-being are not simultaneous. Without non-being, there is no being. Being and non-being would always be. There is no being independent of non-being.<br /><br />शून्यता सप्तति, छंद: 18 & 19 <br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~